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________________ 39 अन्य ग्रन्थ गद्य कृतियाँ : मङ्गलायतनम् पं. बिहारीलाल शर्मा उपसंहार प्रस्तुत शोध प्रबन्ध के द्वितीय अध्याय में "बीसवीं शताब्दी में रचित जैन काव्य साहित्य | एक अन्तर्विभाजन विश्लेषित है । इस अध्याय को तीन खण्डों में विभाजित किया है । (अ) मौलिक रचनाएँ . (ब) टीका ग्रन्थ (स) अन्य ग्रन्थ शोध-कर्ता की ही भांति अन्य अनेक मनीषियों को प्रारम्भ में (मेरे पी-एच. डी.) पञ्जीयन के समय यह आशङ्का थी कि कदाचित् बीसवीं शताब्दी में जैन विषयों पर प्रणीत संस्कृत साहित्य इतना अधिक उपलब्ध नहीं होगा । किन्तु कार्य प्रारम्भ करने पर मुझे प्रचुर मात्रा में साहित्य सुलभ हुआ ।इस शताब्दी में रचित प्रतिनिधि जैन रचनाओं की संख्या निम्नलिखित मौलिक रचनाएँ महाकाव्य काव्यग्रन्थ दूतकोव्य स्तोत्र/स्तुति शतककाव्य चम्पूकाव्य श्रावकाचार नीतिविषयक काव्य स्फुट रचनाएं 10. पूजाव्रतोद्यापन 11. दार्शनिक रचनाएँ टीका ग्रन्थ : टीका ग्रन्थ अन्य ग्रन्थ गद्य कृतियाँ ___ इस अध्याय में उक्त रचनाओं एवं उनके रचनाकारों के नामोल्लेख मात्र किये गये हैं । इनका परिचयात्मक विश्लेषण अगले अध्याय में किया गया है ।
SR No.006275
Book Title20 Vi Shatabdi Ke Jain Manishiyo Ka Yogdan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendrasinh Rajput
PublisherGyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
Publication Year
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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