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नाट्य शास्त्र, भरतमुनिकृत 1-17 ।
संस्कृत नाट्य साहित्य, लेखक डॉ. जयकिशन, प्रसाद खण्डेलवाल, पृष्ठ 5 प्रकाशकविनोद पुस्तक मंदिर, आगरा, 1976 1
विस्तार के लिए - संस्कृत साहित्य का समीक्षात्मक इतिहास, कपिलदेव द्विवेदी पृ. 138 से 148 तथा संस्कृत नाट्य साहित्य, खण्डेलवाल कृत पृ. 104 से 107. प्रो. ल्युडर्स को 1910 में मध्य एशिया के तुर्फान स्थान से प्राप्त हुए थे । श्री के. एच. ध्रुव, पूना प्राच्य मैगजिन 1926 पृ. 42
संस्कृत नाट्य साहित्य - लेखक जयकिशन प्रसाद खण्डेलवाल पृ. 24. समीक्षा के लिए द्रष्टव्य - डॉ. देवस्थली - इन्ट्रोडक्सन टू दी स्टडी ऑफ मुद्राराक्षस बम्बई, 1948 पृ. 51 से 84.
विशेष विवरण, भवभूति का परिचय एवं समय के लिए द्रष्टव्य-कपिलदेव द्विवेदी द्वारा सम्पादित उत्तर रामचरित, भूमिका, पृ. 11 से 48 तक.
इसकी केवल एक अधूरी प्रति बर्लिन के राजपुस्तकालय में विद्यमान है और उसी A आधार पर इसका एक संस्करण यदुगिरिस्वामी के सम्पादकत्व में मैसूर से 1929 में प्रकाशित हुआ है ।
म. म. कप्पूस्वामी शास्त्री द्वारा सम्पादित श्री बाल मनोरमा सीरीज (नं. 9) में प्रकाशित
1926 I
गोविन्द देवशास्त्री द्वारा मूलमात्र सम्पादित काशी से प्रकाशित सन् 1869। मद्रास से 1923 में प्रकाशित ।
गायकवाड ओरियण्टल सीरीज ( ग्रन्थाक 8 ) में प्रकाशित, बड़ौदा 1930ई. । काशी से सरस्वती भवन ट्रेक्ट 35 में 1930 ई. में प्रकाशित हुआ ।
चौखम्बा संस्कृत सीरीज 1967 ई. में प्रकाशित ।
काव्यमाला में प्रकाशित । अद्यार से 1950 ई. में तथा हिन्दी अनुवाद के साथ काशी से 1955 ई. में प्रकाशित ।
99.
प्रकाशक श्री शङ्करगुरुकुल, श्रीरङ्गम 1944 ई.
100.
इसका प्रकाशन काव्य माला संख्या 78 में हो चुका । 101. तुलसी ग्रन्थावली भाग 3 पृष्ठ 163 से 174 |
102.
गायकवाड ओरियण्ट सीरीज संख्या 8, बड़ौदा 1918 ई. ।
103.
काव्य माला नं. 7 में प्रकाशित है ।
104.
105.
काव्य माला नं. 46 में प्रकाशित हुई है ।
भारतीय विद्या ग्रन्थावली (ग्रन्थकार 6 ) में डॉ. आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये के सम्पादकत्व में प्रकाशित, बम्बई 1945 |
बाबूलाल शुक्ल ने वाराणसी से प्रकाशित किया ।
106. 107. जीवानन्द विद्यासागर द्वारा प्रकाशित । भावनगर से 1917 में प्रकाशित ।
108.
109. काशी से प्रकाशित वीर नि. सं. 2432 में ।
110. शिवपुरी (मद्रास) से 1922 में प्रकाशित ।
111. अनन्त शयन संस्कृत ग्रन्थावली (नं. 55 ) में 1917 में प्रकाशित ।
112. काव्य माला (संख्या 20 ) में प्रकाशित, बम्बई 1889 ई. ।