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________________ 269 फुट नोट 888888888888888888888 २ 12. 13. 14. 15. 16. 17. 19. नाट्य शास्त्र-भरतमुनि अध्याय 6 कारिका 16 (काव्यप्रकाश उल्लास 4 कारिका 44. काव्य प्रकाश उल्लास 4 कारिका 47 काव्य प्रकाश, चतुर्थ उल्लास, कारिका 43 पृष्ठ 65 काव्य प्रकाश कारिका 4. 47 वीरोदय 9/3-4 जयोदय - 28/5-6 एवं 10 सुदर्शनोदय 4/11/66 श्री समुद्रदत्त चरित्र 7/1-3 दयोदय 2/8-10 दयोदय, 7/28-38 वीरोदय, 6/20 जयोदय, 6/120-126 एवं सम्पूर्ण सर्ग 17 सुदर्शनोदय, 3/34-37 दयोदय चम्पू 4/14-25 जयोदय 6/125-126 वीरोदय 13/25-30 सुदर्शनोदय 8/5-6 सुदर्शनोदय, 8/5-6 जयोदय, 12/119 वीरोदय, 7/10 वीरोदय, 1/37 श्री समुद्रदत्त चरित्र, 3/35-38 दयोदय चम्पू, षष्ठलम्ब पद्य 6 के पहले के गद्यभाग से पद्य 9 के वाद के गद्य भाग तक । श्री समुद्रदत्त चरित्र सर्ग 4 पद्य 11 एवं 15 श्रीसमुद्रदत्त चरित्र, 3/19/29 सुदर्शनोदय 8/7 जयोदय, सम्पूर्ण अष्टमसर्ग श्रीसमुद्रदत्त चरित्र 2/24-25 जयोदय, 8/1 वही, 8/1 वीरोदय, 8/8-9 जयोदय, 13/9-10 सुदर्शनोदय, 3/26-27 श्रीसमुद्रदत्त चरित्र 3/6-10-15 एवं 6/15-17 लक्षणद्रष्टव्य - छन्दोमञ्जरी 2/3/34 वीरोदय 2/35 20. 29. 30. 31. 32. 33. सदर्शनोट 34. 35. 36.
SR No.006275
Book Title20 Vi Shatabdi Ke Jain Manishiyo Ka Yogdan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarendrasinh Rajput
PublisherGyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
Publication Year
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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