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25. कौटिलीय अर्थशास्त्र, 1/17. 26. महाभारत, शान्तिपर्व, 167/12-13. 27. कौटिलीय अर्थशास्त्र, 2/17. 28. महाभारत शान्तिपर्व, 167/29. 29. वही, 167/35. 30. महाभारत शातिपर्व, 167/40, 31. वही, 167/8. 32. वही, 167/46. 33. बुभुक्षितः किं न करोति पापम् । 34. शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्।। 35. निशीथभाष्य, 4791 36. फण्डामेण्टल ऑफ एथिक्स, पृ. 170-171.
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जैन दर्शन में तत्व और ज्ञान