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नव पदार्थ
२. तिणसूं दरबे कह्यो जीव एक, भाव जीव रा भेद अनेक।
तिणरो बहोत कह्यो विसतार, ते बुधवंत जाणे विचार ।।
३. भगोती बीसमां सतक मांय, बीजे उदेशे कह्यो जिणराय।
जीव रा तेवीस नाम, गुण निपन कह्या छै तांम ।।
४. जीवे' * ति वा जीव रो नाम, आउखा ने बले जीवे ताम। ___ ओ तो भावे जीव संसारी, तिणनें बुधवंत लीजो विचारी ।।
५. जीवत्थिकाय जीव रो नाम, देह धरे छै तेह भणी आंम।
प्रदेसां रा समूह ते काय, पुद्गल रा समूह झेले छै ताय ।।
६. सास उसास लेवे छै तांम, तिणसूं पाणे ति वा जीव रो नाम ।
भूए'ति वा कह्यो इण न्याय, सद छै तिहुं काल रे मांय ।
७. सत्ते' ति वा कह्यो इण न्याय, सुभासुभ पोते छै ताय ।
विन्नू ति वा विष रो जांण, सबदादिक लीया सर्व पिछांण।।
८. वेया ति वा जीव रो नाम, सुख दुख वेदे छै ठांम ठांम।
ते तो चेतन सरूप छै जीव, पुद्गल रो संवादी सदीव।।
६. चेया ति वा जीव रो नाम, पुदगल नी रचणा करे तांम।
विवध प्रकारे रचे रूप, ते तो मुंडा ने भला अनूप ।। * ये अङ्क क्रमशः जीव के २३ नामों के सूचक हैं।