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________________ 1842 महामन्त्र णमोकार : एक वैज्ञानिक अन्वेषण पीला : हृदय के लिए लिए शुभ है; यह मानसिक दुर्बलता दूर करने __ के लिए टानिक है। मानसिक उत्तेजना को भी यह दूर करता है। सुषुम्ना पर प्रयोग करना चाहिए। हरा : नेत्र-दृष्टि वर्धक है । शान्त और शमनकारी है। फोड़ों या जख्मों को तुरन्त भरता है। व पेचिश में लाभकारी है। नीला : दर्द शान्त करता है। खुजली शान्त करता है। मानसिक रुग्णता में भी कार्यकर है। आसमानी रंग : पाचन क्रिया में तीव्रता के निमित्त इसका उपयोग होता है। तपेदिक-शमन है। बैंगनी रंग : दमा, सूचन, अनिद्रा में उपयोगी है। रश्मि विज्ञान एवं रंग विज्ञान से सम्बन्धित कतिपय वैज्ञानिक मशीनें या यन्त्र ये हैं। इनके द्वारा विधिवत् किरणों की परीक्षा की जा सकती है। 1. रश्मिचक्र : (Chromo disk)-यह कूप्पी के आकार का तांबे का यन्त्र होता है। इसके भीतरी भाग में निकिल या अल्युमिनियम की की एक परत होती है। इससे प्रकाश सरलता से प्रतिबिम्बित होता है। शरीर में गरमी भरने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। सूर्य प्रकाश के स्थान पर इसका उपयोग होता है। किसी विशेष रंग के प्रकाश के लिए उस रंग का शीशा इसकी भीतरी सतह पर रख दिया जाता है। 2. रश्मि दर्पण : (Chromo lense)-यह यन्त्र दुहरे वर्तुलाकार शीशे से बनता है। इसमें किरणें पानी में प्रतिबिम्बित की जाती हैं और फिर वे तिरछी होकर शरीर को छूती हैं। जल सम्पर्क के कारण ये किरणें अधिक शुद्ध एवं शक्तिमती बन जाती हैं। 3. ताप प्रकाश यन्त्र (Thermolume)-इस यन्त्र के भीतर लेटकर रोगी आसानी से प्रकाश-स्नान कर सकता है। रोगी के अंग विशेष पर ही प्रकाश विकीर्ण किया जाता है। इससे शरीर के रुग्ण स्थलीय कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
SR No.006271
Book TitleMahamantra Namokar Vaigyanik Anveshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Jain
PublisherMegh Prakashan
Publication Year2000
Total Pages234
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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