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________________ महामन्त्र णमोकार और ध्वनि विज्ञान 613 करने में इस यन्त्र से सहायता मिलती है। किसी नवीन भाषा के ध्वनिग्रामों को समझने में इस यन्त्र से सहायता होती है। ___10. पिच मीटर-ध्वनियों का सुर (Pitch) नापने के लिए इस यन्त्र का उपयोग होता है। 11. इंटन्सिटी मीटर-इससे ध्वनि की तीव्रता एवं गम्भीरता नापी जाती है। 12. आटोफोनोस्कोप-यह यन्त्र स्वर-यन्त्र के अध्ययन के लिए बनाया गया है। 13. ब्रीदिंग फ्लास्क-श्वास-प्रक्रिया के अध्ययन के लिए इसकी रचना हुई है। ___14. स्ट्रोबोलेरिंगोस्को-इस यन्त्र के द्वारा स्वर-तन्त्री की गतिविधि का अध्ययन किया जाता है। __इलेक्ट्रीकल, बोकल ट्रेक, फारमेंट, ग्राफ्डि मशीन, ओवे, आसिलेटर आदि मशीनों द्वारा और भी सूक्ष्मता से ध्वनि के विविध रूपों का अध्ययन हो सकता है। श्रावणिक ध्वनि-विज्ञान (Auditory Phonetics) ध्वनि विज्ञान की यह शाखा उच्चरित ध्वनियों की श्रव्यता का बहुमुखी अध्ययन करती है। जब उच्चरित ध्वनियों की तरंगें मानव के कर्ण-छिद्रों में प्रवेश करती हैं तब श्रवण-तन्त्रियों में एक कम्पन होता है। इसके बाद ही मानव मस्तिष्क संवाद (Message) या ध्वनि ग्रहण करता है । संवाद-ग्रहण की यह प्रक्रिया बहुत जटिल है। हमारा कान तीन भागों में विभाजित है—'बाह्म-कर्ण' के भीतरी सिरे की झिल्ली से श्रावणी शिरा के तन्तु आरम्भ होते हैं, ये मस्तिष्क से सम्बद्ध रहते हैं। ध्वनि की लहरें कान में पहुंचकर कम्पन्न उत्पन्न करती हैं फिर मस्तिष्क से जुड़ती हैं। इस शाखा का अध्ययन वहत व्यय-साध्य एवं कठोर श्रम था योग्यता की अपेक्षा रखता है। विश्व के अति विकसित देश अमेरिका, फ्रांस, रूस और इंग्लैण्ड इस क्षेत्र में उल्लेखनीय हैं। स्फोटवाद या शब्द ब्रह्मवाद स्फोट का अर्थ है खलना और विस्तत होना। स्फोट को ब्रह्मवादियों ने नाद का शाश्वत, सर्जक एवं अविभाज्य रूप माना है। किसी शब्द के
SR No.006271
Book TitleMahamantra Namokar Vaigyanik Anveshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Jain
PublisherMegh Prakashan
Publication Year2000
Total Pages234
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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