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2150 2 महामन्त्र णमोकार : एक वैज्ञानिक अन्वेषण
बस मैना सुन्दरी ने अपने पति की पूरी सेवा करना प्रारम्भ करू दिया | वह नित्यप्रति महामन्त्र का जाप करने लगी और भगवान के गन्धोदक से पति को चर्चित भी करने लगी। पति के समीप बैठकर महामन्त्र का पाठ करती रही । धीरे-धीरे पति श्रीपाल का कुष्ट रोग समाप्त हो गया । वह परम सुन्दर व्यक्ति बन गया। उसके मन्त्रियों ने प्रयत्न करके उसका पता लगाया । अन्ततः श्रीपाल को उसका राजा पद प्राप्त हुआ।
महामन्त्र के विषय में निजी अनुभव
अब तक हमने कतिपय पौराणिक कथाओं के आधार पर महामन्त्र णमोकार के माहात्म्य एवं प्रभाव कीए के भव्य झलक देखी । अब और अधिक प्रामाणिकता की तलाश में हम अपने ही युग के सहजीवीसमकालीन व्यक्तियों के कुछ महामन्त्र सम्बन्धी अनुभव प्रस्तुत करें रहे हैं
1. घटना 13-11-1985 के प्रातःकाल की है। सम्पूर्ण तमिलनाडु गत दस दिनों से अतिवृष्टि की प्रलयंकारी चपेट में था । मद्रास नगर का लगभग एक चौथाई भाग जलमग्न था । मैं मद्रास नगर के ही एक भूखण्ड जमीन- पल्लवरम् में रहता हूं। 13-11-1985 को प्रातः होतेहोते मेरा समस्त मुहल्ला खाली हो गया। लोग घर छोड़कर चले गए । सभी के घरों में 4-5 फुट पानी आ गया था । 3-4 किलोमीटर तक पानी ही पानी भरा हुआ था । मेरे घर में दरवाजे की चौखट तक पानी आ चुका था । सड़क से लगभग 4 फुट ऊंची मेरी नीव है । तीन-चार इंच पानी और बढ़ता तो मेरे घर में पानी आ जाता। मेरी पत्नी और पुत्री की घबराहट बढ़ती ही जा रही थी। मैंने कहा, थोड़ी देर तो धैर्यः रखो, कुछ न कुछ होगा ही ।
मैं चुपचाप भीतर के कमरे में बैठकर महामन्त्र णमोकार का पाठ करने लगा। लगभग 15 मिनट के बाद सहसा पानी बरसना बन्द हुआ धीरे-धीरे भरा हुआ पानी भी घटने लगा । घर भर में अपार शान्ति छा गयी और उल्लास भी । यह मेरे जीवन में महामन्त्र का सबसे बड़ा उपकार है । समस्त मुहल्ले को राहत मिली। महामन्त्र के अतिरिक्त मानवीय शक्ति क्या कर सकती थी ?