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शोर-ध्वनि (Noise)| यह ध्वनि प्रदूषण सर्वत्र व्याप्त है। नगरीय जन तो शोर से त्रस्त हैं ही, अब तो ग्रामों में भी यह प्रदूषण फैलने लगा है।
रेल, बस, कार, स्कूटर, मोटर साइकिल आदि के हॉों की तीखी ध्वनियाँ-कानफोड़ कर्कश आवाज लोगों की श्रवण-शक्ति को कमजोर बनाए दे रही है। हवाई-अड्डों के पास बसी. कोलोनियों के निवासियों की श्रवण शक्ति पर वायुयानों के कटुतम तीव्र शोर का बड़ा प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। - ध्वनि प्रदूषण का एक रूप और भी है और वह है-ट्रांजिस्टर, रेडियो, टी. वी. आदि। तथा सबसे बढ़कर है सिनेमा। ट्रांजिस्टर, रेडियो तो ध्वनि तक ही सीमित है। लेकिन टी. वी. और सिनेमा श्रव्य के साथ-साथ दृश्य भी है। इनके अश्लील गाने, तड़क-भड़क वाली पोशाकें, दृश्य आदि मन को भी विकारी बना देते हैं। जैसे दृश्य आँखों से देखे जाते हैं, वैसे ही विचारों से मन-मस्तिष्क यहाँ तक शरीर भी उत्तेजित हो जाता है।
समाज में हिंसा, हत्या, षड्यंत्र, तस्करी