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________________ २५ विचारों की तरंगें लैसर आदि किरणों से . अधिक शक्तिशाली होती हैं। एक व्यक्ति के शुभ विचारों का भी दूसरों पर प्रभाव पड़ता है और अशुभ विचारों का भी। लकड़हारा कुल्हाड़ी लेकर वृक्ष के पास से निकला तो वृक्ष भय से काँपने लगा और माली पास आया तो हर्ष से झूम उठा। यह दूरबीनों से देख लिया गया है। __ वृक्ष पर यह दोनों प्रकार का प्रभाव किस का था? लकड़हारे और माली की भावनाओं काउनकी विचार-तरंगों का ही तो प्रभाव था। जब वनस्पति जगत-एकेन्द्रिय प्राणियों, जिनकी चेतना बहुत ही अल्प विकसित होती है, उन पर इतना अनुकूल और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तब विकसित चेतना वाले प्राणियों पर तो कितना प्रभाव पड़ता है, यह सरलता से समझा जा सकता है। इसीलिए जैन धर्म के जीवन-सन्देश में कहा गया है कि मन में किसी भी प्रकार के अशुभ विचार मत रखो, अपने अपकारी और शत्रु के प्रति भी कल्याण कामना रखनी चाहिए। वैर और विरोध किसी से भी न करें। कहा गया
SR No.006268
Book TitleJain Dharm Ka Jivan Sandesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1990
Total Pages68
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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