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युवाशक्ति यानी क्रान्ति की जलती मशाल । युवा शक्ति यानी नवसृजन का स्वर्णिम प्रभात ! रचनात्मक दृष्टिकोण रखिए :
___मैंने बताया कि यौवन सर्जन का काल है, यह बसन्त का समय है, जिसमें जीवन के प्रत्येक पहलू पर उमंग और उल्लास महकता है, कुछ करने की ललक उमंगती है । इसलिए यौवन एक रचनात्मक काल है । आज के युवावर्ग में रचनात्मक दृष्टि का अभाव है । वे दूसरों की आलोचना तो करते हैं, नारेबाजी और शोर-शराबा करके विद्रोह का बिगुल भी बजा देते हैं । वे किसी भी निहित स्वार्थ वालों के इशारों पर अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने लग जाते हैं । आजकल के राजनीति छाप समाज नेता, युवाशक्ति को अलसेशियन कुत्ते की तरह इस्तेमाल कर रहे