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घर और व्यापारिक संस्थानों को रंग-रोगन आदि से चमकाया जाता है, उसी प्रकार आत्मा की स्वच्छता भी आवश्यक है । दुष्कर्मों, दुर्भावों, ईर्ष्या, द्वेष, मत्सर आदि के कचरे को आत्मा से बाहर निकाल दिया जाय, आत्मा को स्वच्छ और पवित्र बना लिया जाय तभी दीपावली पर्व मनाना सार्थक हो सकता है।
यद्यपि यह दीपावली पर्व मूलतः एक ही दिन का पर्व है, और इसका कारण तथा आधार है भगवान महावीर का निर्वाण कल्याणक लेकिन चूँकि सम्पूर्ण भारत में यह पर्व मनाया जाता है, जैन तो मनाते ही हैं, हिन्दू भी मनाते हैं, अतः कई घटना प्रसंग जोड़कर यह पर्व पाँच दिन तक मनाया जाता है - कार्तिक कृष्णा १३ से कार्तिक शुक्ला २ तक ।
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