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आयरियाणं (४) णमो उवज्झायाणं (५) णमो लोए सव्वसाहूणं (६) णमो नाणस्स, (७) णमो दसणस्स, (८) णमो चरितस्स (९) णमो तवस्स । ___इन नौ पदों में मुक्ति-प्राप्त, मुक्ति के लिए प्रयासरत और मुक्तिमार्ग- सभी कुछ आ जाता है ।
इनमें से प्रत्येक दिन एक-एक पद का जप, आयबिल और प्रासुक जल का प्रयोग किया जाता है । ओली तप आराधना का बड़ा महत्त्व है । देवी-पूजन
आश्विन शुक्ला १ से ९ तक हिन्दू लोग देवी-पूजन करते हैं । कहीं इसे नवदुर्गा कहा जाता है तो कहीं नवरात्रि। बंगाल आदि पूर्वी प्रदेशों में इसका बहुत जोर है । बंगाली तो इसे महोत्सव के रूप में ही मनाते हैं ।
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