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प्राथमिकी
जीवन का एक-एक क्षण मूल्यवान है। बीता हुआ क्षण कभी लौटकर आता नहीं, और आने वाला क्षण हमारे हाथ में नहीं, इसलिए वर्तमान क्षण का सदुपयोग कर सार्थक बनाना, यही हमारे वश में है।
कम से कम समय व श्रम में मनुष्य सुविधापूर्वक अधिक से अधिक लाभ उठा सके, इसलिए आजकल प्रत्येक वस्तु का लघु-संस्करण (मिनी एडीशन) हो रहा है। साहित्य क्षेत्र में भी अब भारी भरकम ग्रंथों की अपेक्षा छोटी पुस्तकें, जेबी गुटके पसन्द किये जाते हैं। जिन्हें अवकाश के कुछ क्षणों में पढ़कर लाभ उठाया जा सकता है ।