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आजादी का सुफल भी हुआ है । हमारे देश ने भौतिकता के क्षेत्र में चहुमुखी उन्नति की है और कर रहा है, देश का भविष्य भी उज्ज्वल प्रतीत हो रहा है ।
इसी भाद्रपद मास में हमारे श्रमणसंघ के प्रथम आचार्य महान श्रुतधर श्री आत्माराम जी महाराज का पावन जन्म दिवस आता है । वि. सं. १९३९ भादवा सुदि १२ को राहों (पंजाब) ग्राम में आपश्री का जन्म हुआ । आचार्यश्री आत्माराम जी महाराज श्रुतज्ञान के ज्योति स्तम्भ थे ।
भादवा सदि १४को ही स्थानकवासी परम्परा के महान आचार्यश्री जयमलजी महाराज का जन्म महोत्सव मनाया जाता है। वि. स. १७६५ में लांबिया ग्राम में आपश्री का जन्म हुआ। आप महान तेजस्वी साधक और उत्कृष्ट आध्यात्मिक पुरुष थे ।