________________
(५६) ऐश्वर्य - भोग ही इनका उद्देश्य रहा, अलौकिक फल भी बताया गया तो अधिक से अधिक ईश्वर कृपा, ईश्वर सामीप्य ही; किन्तु स्वयं ईश्वरत्व नहीं ।
महामंत्र नवकार ही एक ऐसा मंत्र है जिसका उच्चतर अलौकिक फल ईश्वरत्व की प्राप्ति है और लौकिक फल तो असीम सुख-संपदा आदि हैं ही। लौकिक कामना रहित जप साधना से भौतिक समृद्धि के रूप में जो फल प्राप्त होते हैं, उन्हें आनुषंगिक कहा गया है ।
नवकार मंत्र की साधना के फलों की निष्पत्तियों का सूक्ष्म दिग्दर्शन निम्न शब्दों द्वारा किया जा सकता है ।
इस मंत्र की निष्पत्तियाँ अथवा फल आध्यात्मिक भी हैं, मानसिक भी हैं और शारीरिक भी ।
आध्यात्मिक फल इस प्रकार हैं