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(४२) है । क्रोध आदि कषायों के उद्वेग को रोकने के लिए नीला रंग उपयोगी माना गया है । जिन व्यक्तियों को उत्तेजना अधिक आती है, छोटी-छोटी बातों पर उत्तेजित हो जाते हैं, मनोचिकित्सक ऐसे लोगों को नीले रंग की वस्तु हमेशा पास में रखने की सलाह देते है । योगेश्वर श्री कृष्ण एवं ध्यानयोगीश्वर भगवान पार्थनाथ की देह कान्ति नीले रंग की मानी गई है । अतः उनका ध्यान करने से भक्त स्वाभाविक रूप में शान्ति का अनुभव करता है।
ज्योतिषी भी शनिग्रह की उपशांति के लिए नीलम रत्न को अँगूठी में धारण करने की सलाह देते हैं।
वास्तविक स्थिति यह है कि शनिग्रह जब अशुभ होता है तब वह जीवन में संघर्ष की स्थिति निर्मित करता है, आजीविका के साधनों में कमी और लाभ को अलाभ में