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(४१) की शक्ति बढ़ जाती है । जो शक्ति आवेगों में व्यर्थ बहती है, उसका संरक्षण होता है, अतः ज्ञान-वृद्धि और धारणा-शक्ति में विकास होता है । इसीलिए पीत वर्ण को ज्ञान-प्राप्ति में सहायक माना गया है । पीला रंग-प्रकाश या ज्ञान का सूचक है । आचार्य ज्ञान-दान करता है।
नमो उवज्झायाणं पद का ध्यान निरभ्र आकाश जैसे नीले रंग में आनन्द केन्द्र (हृदय चक्र) पर किया जाता है । इस पद की साधना के भी चार सोपान हैं।
प्रथम सोपान में एक-एक अक्षर का ध्यान, द्वितीय सोपान में पूरे पद का ध्यान, तृतीय सोपान में पद के अर्थ का और चतुर्थ सोपान में उपाध्यायजी के गुणों का ध्यान करने का निर्देश ग्रन्थों में प्राप्त होता है।
आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से नीला रंग शान्ति का प्रतिनिधि माना जाता