________________ "आचार' और" विचार जीवन की दो आँखें हैं, या दो चरण हैं / दोनों ही स्वस्थ और सन्तुलित रहने चाहिए / हमारा विचार सदा उदार, अनेकान्तप्रधान, सत्योन्मुखी और सर्वजीवों की कल्याण कामना से ओतप्रोत होना चाहिए / हमारा आचार समताप्रधान, अपने गृहीत नियम व मर्यादा का पालन करने वाला और किसी को | भी कष्ट ने देने वाला होना चाहिए / _विचार और आचार की श्रेष्ठता एवं पवित्रता ही हमारा साध्य है / -उपाचार्य देवेन्द्रमुनि प्रकाशक:पोतारकगुरुजनवान्थालयउदयपर