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एकमात्र उपाय तितिक्षा है । तितिक्षा, इस प्रकार का कवच निर्मित करती है। जिसको भेद कर सुख की अत्यधिक हर्षयुक्त और दुख की घनीभूत पीड़ा की गहरी अनुभूतियाँ मन-मस्तिष्क को उद्वेलित नहीं कर पातीं। वह कष्टप्रद स्थितियों में भी अपनी बुद्धि को स्थिर रख सकता है और यह सर्वविदित तथ्य है कि स्थिरबुद्धि सफलता की सर्वप्रथम आवश्यकता है।
तितिक्षा का कवच जीवन-संग्राम में हमारी रक्षा करता है, बाहरी आघातों से, प्रहारों से, विषमता के विष-बुझे बाणों से । तितिक्षा धारण कर हम प्रलयंकारी तूफानों में भी स्थिरबुद्धि बने रह सकते हैं ।
. भूत के भार से मुक्ति मानव के जीवन की भूतकालीनस्मृतियाँ भूत की तरह मस्तिष्क में जमी
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