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करिए जिनदर्शन से निज दर्शन ...35 पूजा संभव नहीं है। द्रव्य पूजा का अधिकारी द्रव्य धारण करने वाला होता है। साधु स्नान नहीं करते द्रव्य पूजा के लिए स्नान करना आवश्यक है अत: द्रव्य पूजा का कार्य साधुओं की प्रतिज्ञा के विरुद्ध होने से वे उसे नहीं करते। द्रव्य पूजा आरंभ एवं परिग्रह रोग से पीड़ित आत्माओं के लिए आवश्यक है। साधु आरंभ एवं परिग्रह से मुक्त होने के कारण द्रव्यपूजा उनके लिए आवश्यक नहीं है।
शंका- दक्षिण एवं उत्तरी ध्रुव पर कई ऐसे स्थान हैं जहाँ छह महीने रात एवं छह महीने दिन रहता है वहाँ पर नवकारसी, चौविहार आदि के प्रत्याख्यान किस प्रकार करना चाहिए?
समाधान- जहाँ पर महीनों तक दिन और रात रहते है वहाँ पर अद्धा पच्चक्खाण संभव नहीं होता ऐसी जगहो पर गंठसी, मुट्ठसी आदि घंटे के पच्चक्खाण किए जा सकते हैं जैसे कि बारह घंटे भोजन-पानी का त्याग आदि।