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ज्ञान ज्योति के हार्दिक सहभागी श्री कान्तिलालजी मुकीम परिवार
बंगाल की भूमि कला, प्राकृतिक सौन्दर्य एवं संगीत के लिए जितनी प्रसिद्ध है उतनी ही सुप्रसिद्ध है Bengal tigers के लिए भी। यहाँ की वाणी में जितनी मिठास है उतनी ही बुलंदी और गर्जना भी।
कोलकाता जैन समाज के ऐसे ही Bengal tiger हैं श्रेष्ठिवर्य श्री कान्तिलालजी मुकीम। परिचित जनवर्ग इन्हें नेताजी के नाम से भी सम्बोधित करता है।
कलकत्ता जैन समाज के विकास में मुकीम परिवार का विशिष्ट योगदान पूर्वकाल से ही रहा है। यहाँ का प्रसिद्ध राय बद्रीदास टेम्पल मुकीम परिवार की ही धरोहर हैं। आपका सम्बन्ध भी उसी मुकीम परिवार से है। सम्पूर्ण कलकत्ता जैन समाज में आप एक अग्रणी श्रावक के रूप में पहचाने जाते हैं।
आपकी दीर्घ दृष्टि, अनुभव प्रौढ़ता एवं आत्मिक दृढ़ता के बल पर कही गई बात लोह की लकीर के समान मान्य होती है। प्रायः आपका निर्णय अन्तिम निर्णय होता है।
संघरत्ना पूज्या शशिप्रभा श्रीजी म.सा. की प्रेरणा से आपके जीवन में धर्म का बीजारोपण हआ। मरूधर ज्योति पूज्या मणिप्रभा श्रीजी म.सा. के प्रति आपकी अनन्य श्रद्धा भक्ति है। उनकी निश्रा में आप तीनों उपधान की आराधना कर चुके हैं। आप नियमित नवकारसी, सामायिक, रात्रिभोजन त्याग आदि नियमों का पालन करते हैं। आपका जीवन कई आत्म हितकारी नियमों से आबद्ध है। दोनों ही पूज्यवाओं को आप जीवन में अत्यन्त उपकारी मानते हैं।
आपके व्यक्तित्व को देखकर किसी शायर की पंक्तियाँ स्मरण में आती हैंऐसे भी हैं लोग यहाँ, जिनसे खुद बना जमाना है। दुनिया ने जिनके नामों से, उस युग को पहचाना है। जो खुद ही अपना परिचय हो, उनका परिचय क्या देना। उनका परिचय देना, सूरज को दीप दिखाना है ।।