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________________ 20...सज्जन तप प्रवेशिका विधि इस तप की प्रथम श्रेणी में - एक, दो, तीन, चार, पाँच, छह और सात उपवास अनुक्रम से करते हुए हर एक के बाद पारणा करें। दूसरी श्रेणी में - चार, पाँच, छह, सात, एक, दो, तीन उपवास अनुक्रम से करते हुए हर एक के बाद पारणा करें। तीसरी श्रेणी में - सात, एक, दो, तीन, चार, पाँच, छह उपवास अन्तर रहित पारणा से करें। चौथी श्रेणी में - तीन, चार, पाँच, छह, सात, एक, दो, तीन उपवास क्रमश: अन्तर रहित पारणा से करें। पांचवीं श्रेणी में - छह, सात, एक, दो, तीन, चार, पाँच उपवास अनुक्रम से करते हुए हर एक के बाद पारणा करें। छठी श्रेणी में - दो, तीन, चार, पाँच, छह, सात, एक उपवास अन्तर रहित पारणा से करें। __ सातवीं श्रेणी में - पाँच, छह, सात, एक, दो, तीन, चार उपवास अन्तर रहित पारणा से करें। इस प्रकार सात पंक्तियाँ पूर्ण होने पर एक परिपाटी होती है। इस तप की एक परिपाटी में 196 उपवास और पारणे के 49 दिन मिलाकर 1 वर्ष, 1 महीना और 10 दिन लगते हैं। यह तप भी चार परिपाटी में पूर्ण होता है। चारों परिपाटियों का सम्पूर्ण कालमान 4 वर्ष, 5 मास और 10 दिन का है। इस तप का यन्त्र न्यास इस प्रकार है - तप दिन 196, पारणा दिन 49, कुल दिन 245 | श्रेणी । उप. | उप. | उप. | उप. | उप. | उप. | उप. | | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 द्वितीय | 4 | 5 | 6 | 7 | 1 | 2 | 3 तृतीय | 4 | 5 | 6 | 7 | 1 | 2 पंचम | 7 | 1 | 2 | 3 | 4 | | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | सप्तम 5 | 6 | 7 | 1 | 2 | 3 | 4 प्रथम 1 | 2 | 3 5 | 6 चतुर्थ 5
SR No.006259
Book TitleSajjan Tap Praveshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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