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जैन धर्म की श्वेताम्बर परम्परा में प्रचलित तप-विधियाँ...3 तप 5. योगशुद्धि तप 6. उपधान तप 7. सर्वाङ्गसुन्दर तप 8. निरुजशिखा तप 9. आयतिजनक तप 10. परमभूषण तप 11. सौभाग्यकल्पवृक्ष तप 12. चान्द्रायण तप 13. ऊनोदरी तप 14. कर्मसूदन तप 15. तीर्थङ्कर दीक्षा तप 16. तीर्थंकर केवलज्ञान तप 17. तीर्थङ्कर निर्वाण तप 18. दवदन्ती तप 19. वर्धमान तप 20. भद्र तप21. महाभद्र तप 22. भद्रोत्तर तप 23. महाभद्रोत्तर तप 24. गुणरत्नसंवत्सर तप 25. कनकावली तप 26. रत्नावली तप 27. मुक्तावली तप 28. सिंहनिष्क्रीडित तप 29. आयंबिल वर्धमान तप 30. ग्यारह प्रतिमा तप 31. योगोद्वहन तप।
(तप कुलक नाम का 12वाँ तथा 22-32 अधिकार) श्रीमत् चन्द्राचार्य (12वीं शती) संकलित 'सुबोधा सामाचारी' में प्रतिपादित तप
प्रस्तुत सामाचारी प्रकरण में लगभग 39 तपों का स्वरूप बतलाया गया है। इन तपों की नाम सूची इस प्रकार है
1. इन्द्रियजय तप 2. कषायमंथन तप 3. योगशुद्धि तप 4. अष्टकर्मसूदन तप 5. तीर्थङ्करमाता तप 6. समवसरण तप 7. नन्दीश्वर तप 8. पुण्डरीक तप 9. अक्षयनिधि तप 10. सर्वसौख्यसम्पत्ति तप 11. रोहिणी तप 12. अम्बा तप 13. श्रुतदेवता तप 14. सर्वाङ्गसुन्दर तप 15. निरुजशिखा तप 16. परमभूषण तप 17. आयतिजनक तप 18. सौभाग्यकल्पवृक्ष तप 19. ज्ञान-दर्शन-चारित्र तप 20. वज्रमध्य चान्द्रायण तप 21. यवमध्य चान्द्रायण तप 22. तीर्थङ्कर दीक्षा तप 23. तीर्थङ्कर केवलज्ञान तप 24. तीर्थङ्कर निर्वाण तप 25. ज्ञानपंचमी तप 26. मुकुटसप्तमी तप 27. माणिक्य प्रस्तारिका तप 28. भद्र तप 29. महाभद्र तप 30. भद्रोत्तर प्रतिमा तप 31. सर्वतोभद्र प्रतिमा तप 32. आयम्बिल वर्धमान तप 33. दवदन्ती तप 34. सप्तसप्तमिका तप 35. अष्टअष्टमिका तप 36. नवनवमिका तप 37. दशदशमिका तप38. उपधान तप 39. योगोद्वहन तप।
(पृ. 8-12, 21-34) आचार्य जिनप्रभसूरि (14वीं शती) रचित विधिमार्गप्रपा में प्ररूपित तप
प्रस्तुत कृति में लगभग 45 तपों का विधिवत स्वरूप प्राप्त होता है। उनकी नाम सूची निम्नोक्त है
1. तीर्थङ्कर दीक्षा तप 2. तीर्थङ्कर केवलज्ञान तप 3. तीर्थङ्कर निर्वाण तप 4. कल्याणक तप 5. सर्वाङ्गसुन्दर तप 6. निरुजशिखा तप 7. परमभूषण तप 8. आयतिजनक तप 9. सौभाग्य कल्पवृक्ष तप 10. इन्द्रियजय तप 11. कषायमंथन