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2...सज्जन तप प्रवेशिका
आचार्य हरिभद्ररचित (8वीं शती) पंचाशक प्रकरण में उपदिष्ट तप
इस प्रकरण में लगभग 23 तप विधियों का वर्णन है उनके नाम इस प्रकार हैं - 1. तीर्थङ्कर दीक्षा तप 2. तीर्थङ्कर केवलज्ञान तप 3. तीर्थङ्कर निर्वाण तप 4. चान्द्रायण तप 5. रोहिणी तप 6. अम्बा तप 7. श्रुतदेवता तप 8. सर्वाङ्गसुन्दर तप 9. निरुजशिखा तप 10. परमभूषण तप 11. आयतिजनक तप 12. सौभाग्यकल्पवृक्ष तप 13. दर्शन-ज्ञान-चारित्र तप 14. योगशुद्धि तप 15. इन्द्रियविजय तप 16. कषायमथन तप 17. अष्टकर्मसूदन तप 18. तीर्थङ्करमातृका तप 19. समवसरण तप 20. नन्दीश्वर तप 21. पुण्डरीक तप 22. अक्षयनिधि तप 23. सर्वसौख्यसम्पत्ति तप।
आचार्य हरिभद्रसूरि ने गाथा 38 में 'आदि' शब्द का उल्लेख कर अन्य तपों की ओर भी सूचित किया है। साथ ही इन तपों की प्रामाणिक विधियाँ एवं कौनसा तप कब करना चाहिए? इस सम्बन्ध में अनुभवी लोगों से ज्ञात करने का निर्देश दिया है।
(19वाँ प्रकरण) आचार्य नेमिचन्द्र (10वीं शती) रचित प्रवचनसारोद्धार में निरूपित तप
प्रस्तुत ग्रन्थ में 38 तप विधियों का विवेचन है। उनके नाम इस प्रकार हैं1. इन्द्रियजय तप 2. योगशुद्धि तप 3. रत्नत्रय तप 4. कषायविजय तप 5. कर्मसूदन तप 6. लघुसिंहनिष्क्रीडित तप 7. महासिंहनिष्क्रीडित तप 8. मुक्तावली तप 9. रत्नावली तप10 कनकावली तप 11. भद्र तप 12. महाभद्र तप 13. भद्रोत्तर तप 14. सर्वतोभद्र तप 15. सर्वसुखसम्पत्ति तप 16. रोहिणी तप 17. श्रुतदेवता तप 18. सर्वाङ्गसुन्दर तप 19. निरुजशिखा तप 20. परमभूषण तप 21. आयतिजनक तप 22. सौभाग्यकल्पवृक्ष तप 23. तीर्थङ्करमाता तप 24. समवसरण तप 25. अमावस्या तप 26. पुण्डरीक तप 27. अक्षयनिधि तप 28. चन्द्र प्रतिमा तप 29. सप्तसप्तमिका तप 30. अष्टअष्टमिका तप 31. नवनवमिका तप 32. दशदशमिका तप 33. आयंबिल वर्धमान तप 34. गुणरत्नसंवत्सर तप 35. तीर्थङ्कर निष्क्रमण तप 36. तीर्थङ्कर केवलज्ञान तप 37. तीर्थङ्कर निर्वाण तप 38. बीसस्थानक तप।
(10वाँ, 43 से 45वाँ, 271 वाँ द्वार) तिलकाचार्यकृत (13वीं शती) 'सामाचारी' में वर्णित तप ।
इस सामाचारी ग्रन्थ में 30 तप-विधियों का उल्लेख है, उनके नाम निम्न हैं - 1. कल्याणक तप 2. ज्ञानपंचमी तप 3. इन्द्रियजय तप 4. कषायविजय