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268...सज्जन तप प्रवेशिका
29. अक्षर श्रुत ज्ञानाय नमः 30. अनक्षर श्रुत ज्ञानाय नमः 31. संज्ञि श्रुत ज्ञानाय नमः 32. असंज्ञि श्रुत ज्ञानाय नमः 33. सम्यक् श्रुत ज्ञानाय नमः 34. मिथ्या श्रुत ज्ञानाय नमः 35. सादि श्रुत ज्ञानाय नमः 36. अनादि श्रुत ज्ञानाय नमः 37. सपर्यवसित श्रुत ज्ञानाय नमः 38. अपर्यवसित श्रुत ज्ञानाय नमः 39. गमिक श्रुत ज्ञानाय नमः 40. अगमिक श्रुत ज्ञानाय नमः 41. अंग प्रविष्ट श्रृत ज्ञानाय नमः 42. अनंग प्रविष्ट श्रुत ज्ञानाय नमः 43. अनुगामी अवधि ज्ञानाय नमः 44. अननुगामी अवधि ज्ञानाय नमः 45. वर्धमान अवधि ज्ञानाय नमः 46. हीयमान अवधि ज्ञानाय नमः 47. प्रतिपाति अवधि ज्ञानाय नमः 48. अप्रतिपाति अवधि ज्ञानाय नमः 49. ऋजुमति मनः पर्यव ज्ञानाय नमः 50. विपुलमति मनः पर्यव ज्ञानाय नमः 51. लोकालोक प्रकाशक श्री केवल ज्ञानाय नमः
67 खमासमण-दर्शनपद की आराधना हेतु प्रदक्षिणा का दोहा
लोकालोकना भाव जे, केवली भाषित जेह । सत्य करी अवधारता, नमो नमो दर्शन तेह ।।