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________________ जैन धर्म की श्वेताम्बर परम्परा में प्रचलित तप-विधियाँ...229 ___ॐ ह्रीं पोसीना पार्श्वनाथाय नमः पोसीना ॐ ह्रीँ भेलूपुर पार्श्वनाथाय नमः वाराणसी ॐ ह्रीं पंचासरा पार्श्वनाथाय नमः पाटण 61. ॐ ही पुरुषादानीय पार्श्वनाथाय नमः अहमदाबाद ॐ ह्रीँ पोसालाया पार्श्वनाथाय नमः ऐरणपुर ॐ ह्रीं पाताल चक्रवर्ती पार्श्वनाथाय नमः महाकाल 64. ॐ ह्रीं फलवृद्धि पार्श्वनाथाय नमः मेड़तारोड़ 65. ॐ ही बरेजा पार्श्वनाथाय नमः बरेजा ॐ ह्रीं बहि पार्श्वनाथाय नमः मन्दसौर ॐ ह्रीं भटेवा पार्श्वनाथाय नमः चाणस्मा ॐ ह्रीँ भाभा पार्श्वनाथाय नमः जामनगर 69. ॐ हीं भीलड़िया पार्श्वनाथाय नमः भिलड़ी ॐ ह्रीं भीड़भंजन पार्श्वनाथाय नमः चाणस्मा ॐ ह्रीँ भवभयहर पार्श्वनाथाय नमः खंभात ॐ ह्री मनमोहन पार्श्वनाथाय नमः कंबोई ॐ ह्रीं मक्षी पार्श्वनाथाय नमः मक्षीजी ॐ ह्रीं मनोरथ पार्श्वनाथाय नमः ॐ ह्रीं मनोरंजन पार्श्वनाथाय नमः मेहसाणा ॐ ह्रीँ मनवांछित पार्श्वनाथाय नमः 77. ॐ हीं भूलेवा पार्श्वनाथाय नमः अहमदाबाद 78. ॐ हीं मोढेरा पार्श्वनाथाय नमः मोढेरा ॐ ह्रीं मुहरी पार्श्वनाथाय नमः टिटोई ॐ ह्रीं स्फुलिंग पार्श्वनाथाय नमः 81. ॐ ह्रीं मुलतान पार्श्वनाथाय नमः मुलतान ॐ ह्रौं रावण पार्श्वनाथाय नमः अलवर 83. ॐ ही संकटहरण पार्श्वनाथाय नमः जैसलमेर 84. ॐ ही लोढ़ण पार्श्वनाथाय नमः डभोई 85. ॐ ही लोद्रवा पार्श्वनाथाय नमः लोद्रवा 86. ॐ ह्रीँ लोहाणा पार्श्वनाथाय नमः चित्तौड़ बीजापुर लोहाणा
SR No.006259
Book TitleSajjan Tap Praveshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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