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134... आधुनिक चिकित्सा में मुद्रा प्रयोग क्यों, कब और कैसे?
• यकृत सम्बन्धी समस्याएँ- अभयज्ञान मुद्रा, बोधिसत्त्वज्ञान मुद्रा, सूर्य मुद्रा, शंख मुद्रा, सहजशंख मुद्रा।
रक्त विकार- वरुण मुद्रा, प्राण मुद्रा, पंकज मुद्रा, सुरभि मुद्रा। लकवा- वायु मुद्रा, प्राण मुद्रा, ज्ञान वैराग्य मुद्रा।
वायु-विकार- वायु मुद्रा, अपान मुद्रा, अपानवायु मुद्रा, ज्ञान-ध्यान मुद्रा, अभयज्ञान मुद्रा, पूर्णज्ञान मुद्रा, हंसी मुद्रा-2, बंधक मुद्रा, वायु सुरभि मुद्रा, सुरभि मुद्रा।
वजन बढ़ना- पृथ्वी मुद्रा, आशीर्वाद मुद्रा, पृथ्वी सुरभि मुद्रा।
• स्नायु तंत्र की समस्या- वरूण मुद्रा, प्राण मुद्रा, मृगी मुद्रा, पंकज मुद्रा, ज्ञान मुद्रा, ध्यान मुद्रा।
सर्दी- सूर्य मुद्रा, लिंग मुद्रा, आचार्य मुद्रा, बंधक मुद्रा। सायनस- सूर्य मुद्रा, लिंग मुद्रा, ज्ञान वैराग्य मुद्रा, सूर्य मुद्रा, मृगी मुद्रा। सिर दर्द- अपानवायु मुद्रा, ज्ञान वैराग्य मुद्रा, पुस्तक मुद्रा, शून्य मुद्रा।
• स्मरण शक्ति की समस्या- ज्ञान मुद्रा, तत्त्वज्ञान मुद्रा, हंसी मुद्रा-1, मृगी मुद्रा, प्रज्वलिनी मुद्रा, सुरभि मुद्रा, वयन मुद्रा, पुस्तक मुद्रा।
• श्वास तंत्र सम्बन्धी समस्या- अभय ज्ञान मुद्रा, सहजशंख मुद्रा, शून्य सुरभि मुद्रा।
• स्वर यंत्र की समस्या- अभय ज्ञान मुद्रा, तत्त्वज्ञान मुद्रा, हंसी मुद्रा-1, शंख मुद्रा, सहजशंख मुद्रा, शून्य सुरभि मुद्रा, वयन मुद्रा।।
• हृदय सम्बन्धी रोग- आकाश मुद्रा, अपानवायु मुद्रा, हार्ट मुद्रा, बंधक मुद्रा, ज्ञान ध्यान मुद्रा, प्राण मुद्रा, अभय ज्ञान मुद्रा, पूर्णज्ञान मुद्रा, वायु मुद्रा, वरुण मुद्रा, हंसी मुद्रा-2, सहजशंख मुद्रा, प्रज्वलिनी मुद्रा, शून्य सुरभि मुद्रा।
हिचकी- अपान मुद्रा, अपानवायु मुद्रा, अभय ज्ञान मुद्रा, तत्त्वज्ञान मुद्रा, हंसी मुद्रा-1, मृगी मुद्रा, शंख मुद्रा, पुस्तक मुद्रा।
हाथी पाँव- जलोदरनाशक मुद्रा।