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आधुनिक चिकित्सा पद्धति में प्रचलित मुद्राओं का प्रासंगिक विवेचन ...95 24. आशीर्वाद मुद्रा
संस्कृत के आशीस् शब्द से आशीर्वाद बना है। इसमें 'आ' उपसर्ग + 'शास्' धातु + 'क्विप्' प्रत्यय का संयोग है। आ उपसर्ग समग्रता सूचक है और शास् धातु शासन अर्थक है। मन को समग्र रूप से अनुशासित करते हुए हृदय के शभ भावों को अभिव्यंजित करना आशीर्वाद है। दूसरे शब्दों में कहें तो जिस मुद्रा के द्वारा किसी के लिए मंगल कामना अथवा सद्भावना अभिव्यक्त की जाती है उसे आशीर्वाद मुद्रा कहते हैं। आशीर्वाद का प्रतीकात्मक अर्थ
आशीर्वाद मुद्रा मंगलकारी, कल्याणकारी अथवा आत्म हितकारी भावनाएँ जिसके लिए नि:सृत हो रही है उस व्यक्ति के लिए मुद्रा विशेष का प्रयोग करना है। सांकेतिक दृष्टि से इस मुद्रा का अर्थ- विशिष्ट शक्ति को संप्रेषित करना है। भारतीय परम्परा में चिरकालिक शांति एवं आत्म विकास हेतु आशीर्वाद का प्रयोग महत्त्वपूर्ण माना गया है। वस्तुत: आशीर्वाद मुद्रा का प्रयोग स्व-पर कल्याण की भावाभिव्यक्ति के रूप में किया जाता है।