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आधुनिक चिकित्सा पद्धति में प्रचलित मुद्राओं का प्रासंगिक विवेचन ...89
पुस्तक मुद्रा से निम्न शक्ति केन्द्र प्रभावित होते हैं और उससे अध्याय-1 के अनुसार अन्य कई फायदे होते हैं
चक्र- विशुद्धि एवं आज्ञा चक्र तत्त्व- वायु एवं आकाश तत्त्व ग्रन्थिथायरॉइड, पैराथायरॉइड एवं पीयूष ग्रन्थि केन्द्र- विशुद्धि एवं दर्शन केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- कान, नाक, गला, मुँह, स्वरयंत्र, निचला मस्तिष्क एवं स्नायु तंत्र। 21. प्रज्वलिनी मुद्रा
संस्कृत व्याकरण के अनुसार प्रज्वलिनी शब्द प्र उपसर्ग, ज्वल् धातु, ल्युट् + इनि प्रत्यय के संयोग से निष्पन्न है। प्रज्वलिनी का सामान्य अर्थ हैविशेष रूप से, प्रकर्ष रूप से जलने वाला।
प्रज्वलिनी मुद्रा प्रज्वलिनी का सांकेतिक अर्थ है- ऊपर उठना। जिस तरह ज्वलनशील स्वभाववाली अग्नि की लपटें सदैव ऊपर की ओर उठती हैं उसी तरह इस मुद्रा का अभ्यास आत्मिक भावधारा को ऊर्ध्वाभिमुखी बनाता है। प्रज्वलिनी शब्द का