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आधुनिक चिकित्सा पद्धति में प्रचलित मुद्राओं का प्रासंगिक विवेचन ...79
पंकज मुद्रा निर्देश- 1. इस मुद्राभ्यास हेतु पद्मासन एवं समपाद आसन सर्वश्रेष्ठ है। इस आसन से पंकज मुद्रा के सभी परिणाम सहज प्राप्त होते हैं। 2. मुनि प्रवर श्री किशनलालजी के निर्देशानुसार इस मुद्रा का प्रयोग प्रारम्भ में 16 मिनट करें। कुछ दिनों पश्चात प्रतिदिन एक-एक मिनट बढ़ाते हुए अड़तालीस मिनट तक कर सकते हैं। 3. यदि एक साथ 48 मिनट नहीं कर सकें तो इच्छुक व्यक्ति दोतीन आवृत्ति में उतना समय पूर्ण करें। 4. पंकज मुद्रा का अभ्यास सर्दी काल में सीमित करें, अन्यथा कफ बढ़ सकता है। सुपरिणाम __ • पंकज मुद्रा के अनेकविध लाभों में शारीरिक दृष्टि से दैहिक सौन्दर्य में अभिवृद्धि होती है। • स्नायुतंत्र शक्तिशाली बनते हैं। • रक्त सम्बन्धी विकार दूर होते हैं। • बुखार के वक्त इस मुद्रा का तुरन्त असर होता है। • अल्सर जैसे रोग हमेशा के लिए मिट जाते हैं।