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विशिष्ट शब्दों का अर्थ विन्यास
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जालंधर बंध - जालन का अर्थ है जाल और धर का अर्थ है- धारा प्रवाह । इसका उपयुक्त अर्थ है- शरीर की नाड़ियों का जाल या गुच्छा ।
जिस अभ्यास के द्वारा गर्दन से जाने वाली नाड़ियों के जाल को नियंत्रित किया जाता है जालंधर बंध कहलाता है।
एक परिभाषा के अनुसार जिस क्रियाभ्यास से गर्दन के क्षेत्र के प्राणप्रवाहों को बांधा जाता है वह जालंधर बंध कहलाता है।
जालंधर बंध
जालंधर बंध करने के लिए सुविधाजनक आसन में बैठ जाये, दोनों घुटने जमीन से सटे रहें, दोनों हथेलियाँ को घुटनों पर रखें, पूरे शरीर को शिथिल करें, आंखें बंद करते हुए गहरा श्वास लें। श्वास को अंदर ही रोक दें। फिर सिर को सामने झुकाकर ठुड्डी को दृढ़तापूर्वक गले से लगा लें अर्थात छाती से सटाकर रखें।
इस स्थिति में जितनी देर तक श्वास रोककर रख सकें रखे, फिर कंधों को शिथिल करते हुए श्वास बाहर छोड़ें और सामान्य स्थिति में आ जाये, यह जालंधर बंध कहा जाता है।