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विशिष्ट अभ्यास साध्य यौगिक मुद्राओं की रहस्यपूर्ण विधियाँ ...93
वमोली मुद्रा
इस मुद्रा का मुख्य उद्देश्य रेतस को ओजस में परिवर्तित करना है इस प्रक्रिया को ऊर्ध्वरेता कहा जाता है। प्राण-ओजस एवं रेतस का सार तत्त्व है। वज्रोली मुद्रा स्थूल रेतस को ओजस में परिशुद्ध करने में सहायता करती है। विधि ... वज्रोली मुद्रा के दो प्रकार हैं एक का सम्बन्ध मैथुन से है और दूसरे का सहज राजयोग से।
प्रथम प्रकार- आरामदायक स्थिति में बैठकर दोनों हाथों को दृढ़तापूर्वक भूमि पर टेकना तथा दोनों पाँवों को एवं शिर को आकाश में उठा देना वज्रोली मुद्रा का प्रथम प्रकार है।47 यह प्रकार कम प्रचलित है।
द्वितीय प्रकार- किसी भी आरामदायक स्थिति में बैठ जायें, फिर दोनों हाथों को दोनों घुटनों पर रख दें तथा नेत्रों को बन्द करते हुए सम्पूर्ण शरीर को शिथिल करें।