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78... यौगिक मुद्राएँ : मानसिक शान्ति का एक सफल प्रयोग
• फिर सामने की तरफ झुककर दोनों हाथों से बायें पैर के अंगूठे को पकड़ें।
• अपनी दृष्टि को नासिका के अग्रभाग पर स्थिर करें। (चित्र नं. 2) • इस अभ्यास के दौरान गहरा श्वास लें और धीरे-धीरे श्वास को छोड़ें। . जालन्धर बन्ध, मूलबन्ध एवं उड्डीयान बन्ध लगायें। (चित्र नं. 3)
• फिर आरामदायक स्थिति तक श्वास को बाहर रोकते हुए क्रमश: मूलाधार, मणिपुर एवं विशुद्धि चक्र को सजगता पूर्वक देखें। प्रत्येक चक्र पर अपनी चेतना को एक या दो सैकण्ड रखने के उपरान्त दूसरे चक्र पर चेतना को ले आइये। मूलाधार, मणिपुर, विशुद्धि, मूलाधार, मणिपुर, विशुद्धि इस तरह क्षमतानुसार पुनरावृत्ति करते रहें।
• अब क्रमश: उड्डीयान बन्ध, मूलबन्ध और जालन्धर बन्ध को शिथिल करें।
• इसी के साथ नेत्रों को भी शिथिल करें। • फिर धीरे-धीरे गहरी श्वास लें। इतनी प्रक्रिया महावेध मुद्रा कहलाती है।30
नासिकाग्र
कुम्भक
मूलबंध
महावेध मुद्रा-3