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76... यौगिक मुद्राएँ: मानसिक शान्ति का एक सफल प्रयोग
• शरीर के निम्न प्रदेशों में निहित प्राण (जिसे अपान कहते हैं) को ऊर्ध्वगामी करके यह मूलाधार चक्र और कुंडलिनी शक्ति को जागृत करने में सहयोग करता है। यह काम शक्ति को रूपान्तरित करने में भी सहायक सिद्ध होता है।
आध्यात्मिक एवं मानसिक स्तर पर इसके अभ्यास से अंतर्मुखता बढ़ती है, संपूर्ण स्नायु संस्थान और मस्तिष्क प्रशान्त हो जाते हैं तथा चित्त की एकाग्रता में वृद्धि होती है। इसके फलस्वरूप अनायास ध्यान की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है।
• प्राचीन ऋषियों ने इसे सभी मुद्राओं में श्रेष्ठ तथा जन्म-मरण का नाश करने वाला कहा है। इस मुद्रा से सभी रोगों का नाश होता है और बुढ़ापा दूर भागता है 129
7. महावेध मुद्रा
संस्कृत शब्द 'महा' का अर्थ है- बड़ा या महान, वेध का अर्थ है - वेधना, छेदना अथवा भेदना और मुद्रा का अर्थ है - आध्यात्मिक स्थिति। इस तरह महावेध मुद्रा के द्वारा जड़ और चेतन का पूरी तरह से भेद कर सकें, जीव द्रव्य
अभिश्वसन
अपश्वसन
महावेध मुद्रा - 1