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50... यौगिक मुद्राएँ: मानसिक शान्ति का एक सफल प्रयोग
चक्र- स्वाधिष्ठान, आज्ञा एवं मणिपुर चक्र तत्त्व- जल, आकाश एवं अग्नि तत्त्व ग्रन्थि - प्रजनन, पीयूष, एड्रीनल एवं पैन्क्रियाज ग्रन्थि केन्द्रस्वास्थ्य, दर्शन एवं तैजस केन्द्र विशेष प्रभावित अंग - मल-मूत्र अंग, प्रजनन अंग, गुर्दे, निचला मस्तिष्क, स्नायु तंत्र, पाचन तंत्र, नाड़ी तंत्र, यकृत, तिल्ली, आँतें आदि।
9. योग मुद्रा
योग का शाब्दिक अर्थ मेल या जोड़ है। मुद्रा का अर्थ है- अंतर्भावों की शारीरिक या मानसिक अभिव्यक्ति ।
सांकेतिक अर्थ की दृष्टि से विश्लेषण करें तो भावनात्मक स्तर पर मन और चेतना के बीच तादात्म्य स्थापित करना योग मुद्रा है।
योग मुद्रा
यह मुद्रा एक प्रकार का आसन है। यह नाम से मुद्रा प्रतीत होती है किन्तु इसे आसन के अन्तर्गत स्थान दिया गया है। एक तरह से यह पश्चिमोत्तानासन और पद्मासन का संयोग है।
अधिकांश लोग पद्मासन में सरलतापूर्वक नहीं बैठ सकते वे कुछ अवधि