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गर्भधातु-वज्रधातु मण्डल सम्बन्धी मुद्राओं की विधियाँ ...373 • एड्रिनल, पैन्क्रियाज एवं प्रजनन ग्रन्थि के स्राव को संतुलित करते हुए यह शरीर को सभी प्रकार की एलर्जी एवं रोगों से बचाती है और शरीर में आवश्यक दवा रूप रसायनों का निर्माण करती है। 54. कै-शिन्-इन् मुद्रा ___ जापानी बौद्ध परम्परा में स्वीकृत एवं गर्भधातु मण्डल आदि धार्मिक कृत्यों के समय अनुचरित उपर्युक्त मुद्रा भक्त के श्रद्धा जागृति की सूचक है। इसकी विधि निम्न हैविधि
हथेलियों को नीचे की ओर करते हुए अंगुलियों को थोड़ी सी दूर मध्यभाग की तरफ करें तथा अंगुलियों और अंगूठों के अग्रभाग को अन्तर्ग्रथित कर देने पर 'कै-शिन्-इन्' मुद्रा बनती है।65
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कै-शिन्-इन् मुद्रा सुपरिणाम
• आकाश एवं वायु तत्त्व का नियमन कर यह मुद्रा प्राणवायु को स्थिर तथा फेफड़ें, हृदय और गुर्दे की कार्यशक्ति को विशेष प्रभावित करती है। • विशुद्धि एवं आज्ञा चक्र का जागरण कर यह मुद्रा शरीर के तापमान, कैल्शियम, वायु, फेफड़ें और हृदय का नियमन करती है, शक्ति उत्पादन का