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जापानी बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक स्वरूप ...221 37. हेमन्त मुद्रा
छः ऋतुओं में से मार्गशीर्ष और पौष मास की ऋतु हेमन्त ऋतु कहलाती है। यह मुद्रा अपने नाम के अभिरूप सर्दी की सूचक है। विधि ___ हथेलियों को मध्यभाग में रखें, अंगुलियों और अंगूठों को ऊपर की ओर फैलाते हुए हल्के से अलग और कुछ झुकायें, फिर हाथों को समीप लाकर छाती की तरफ घुमाना, हेमन्त मुद्रा कहलाती है।41
हेमन्त मुद्रा सुपरिणाम
• वायु तत्त्व को प्रभावित करते हुए यह मुद्रा रक्त संचरण, श्वसन क्रिया एवं मल-मूत्र गति आदि में संतुलन करती है। हृदय, गुर्दै एवं फेफड़ों को विशेष रूप से स्वस्थ बनाने में सहयोगी बनती है। • अनाहत चक्र को जागृत करते हुए यह मुद्रा वाक्पटुता, कवित्व, वक्तृत्व आदि की प्रतिभा में विकास करती है। • आनन्द केन्द्र को जागृत करते हुए रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति का विकास करती है।