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212... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
31. गगनगंज मुद्रा - 2 गगनगंज मुद्रा के दो रूप हैं। यह दूसरा रूप भी बोधिसत्त्व गगनगंज मुद्रा से ही सम्बन्धित है। यह मुद्रा भी जापानी बौद्ध वर्ग में धार्मिक कृत्यों के प्रसंग पर की जाती है। इसकी विधि निम्न है -
गगनगंज मुद्रा - 2
विधि
हथेलियों को नीचे की ओर अभिमुख करें, अंगूठा और कनिष्ठिका को हथेली में मोड़ें तथा तर्जनी, मध्यमा और अनामिका को बाह्य से अन्तर्ग्रथित करने पर द्वितीय गगनगंज मुद्रा बनती है | 33
सुपरिणाम
• इस मुद्रा का प्रयोग अग्नि एवं वायु तत्त्व का संतुलन करता है। इससे कुपित वायु, गठिया, साइटिका, वायुशूल, लकवा आदि रोग समाप्त होते हैं तथा एकाग्रता, मन स्थिरता आदि में वर्धन होता है। • मणिपुर एवं अनाहत