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132... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
वज्र स्पर्श मुद्रा
सुपरिणाम
• यह मुद्रा पृथ्वी एवं अग्नि तत्त्व को संतुलित रखते हुए हड्डी, मांसपेशी आदि ठोस तत्त्वों को मजबूत करती है तथा शारीरिक दुर्बलता, मोटापा, अपच, क्रोध आदि को नियंत्रित रखती है। • यह मुद्रा मूलाधार एवं मणिपुर चक्र को प्रभावित करती है। इससे शरीर को आरोग्य, दक्षता, कुशलता, ओजस्विता की प्राप्ति एवं पाचन सम्बन्धी विकृतियाँ दूर होती है। • एड्रिनल एवं गोनाड्स ग्रंथियों को प्रभावित करते हुए यह मुद्रा संचार व्यवस्था, हलन चलन, श्वसन प्रणाली, रक्त परिसंचरण आदि को नियमित करती है। यह शरीर को एलर्जी से भी बचाती है एवं कामेच्छाओं पर नियंत्रण भी करती है ।
20. वज्र वंशे मुद्रा
यह तान्त्रिक मुद्रा पूर्ववत बौद्ध परम्परा में वज्रायना देवी तारा की आराधना से सम्बन्धित है। इस मुद्रा के माध्यम से 16 देवियों के सामने मुख्यतः देवी तारा के सामने अष्टमंगल एवं गोपनीय सामग्रियाँ चढ़ाई जाती है। इससे पूजा के