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उपसंहार ...315
पार्किनसन्स रोग- चिन् मुद्रा, तत्त्व मुद्रा। पित्त विकार- अंचित मुद्रा, हरिण मुद्रा, सर्पकार मुद्रा।
पाँव की समस्याएँ (पैरों में दर्द, ऐंठन, हाथ-पैर का पतला पड़ना (Muscleloss), सुन्नपन आदि)- चन्द्रकला मुद्रा, धेनु मुद्रा-1 ।
पीठ की समस्याएँ (रीढ़ की हड्डी में तकलीफ (Spine Problem), झुकी हुई पीठ आदि)- चन्द्रकला मुद्रा, डमरूक मुद्रा, त्रिशूल मुद्रा, चतुर्मुख मुद्रा, वरद मुद्रा।
फेफड़ों की समस्याएँ (ब्रांककाइटिस, अस्थमा, न्युमोनिया, फेफड़ों में फोड़ा या पस (Abscess), फेफड़ों में टी.बी.)- चिन् मुद्रा, हरिण मुद्रा, अंचित मुद्रा, सिंहकर्ण मुद्रा, वज्रपताका मुद्रा, गणपति मुद्रा, कर्तरीहस्त मुद्रा। फोड़े-फुन्सी- आवाह्न मुद्रा, चन्द्रकला मुद्रा, विघ्न मुद्रा, वाराह मुद्रा,
कूर्म मुद्रा। बवासीर- चतुर मुद्रा-1, अर्चित मुद्रा, चन्द्रकला मुद्रा, वज्रपताका मुद्रा,
डमरूहस्त मुद्रा, कटक मुद्रा। बांझपन- चतुर मुद्रा, वन्दना मुद्रा, काम मुद्रा, षण्मुख मुद्रा, त्रिपिटक मुद्रा। __बालों की समस्याएँ (बाल झड़ना, बालों का सफेद होना, बालों का रूखापन आदि)- चतुरहस्त मुद्रा, बिल्व मुद्रा, वराहक मुद्रा।
बिस्तर गीला करना (नींद में पेशाब करना)- बिल्व मुद्रा, दुर्गा मुद्रा, लिंग मुद्रा, मयूर मुद्रा। ब्लडप्रेशर- चतुर मुद्रा, इक्षुचाप मुद्रा, प्रलम्ब मुद्रा।
मस्क्युलर डीस्ट्रोफी (स्नायुतंत्र की बढ़ती निष्क्रियता)- तत्त्व मुद्रा, वन्दना मुद्रा, परशु मुद्रा, अभय मुद्रा, सन्मुखोन्मुख मुद्रा।
मस्तिष्क सम्बन्धी समस्याएँ (मस्तिष्क कैन्सर, सिरदर्द, कोमा, ब्रेन ट्यूमर आदि)- चतुरहस्त मुद्रा, चिन् मुद्रा, गालिनी मुद्रा, कटक मुद्रा।