________________
274... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में प्रभावित अंग- निचला मस्तिष्क, स्नायु तंत्र, नाड़ी तंत्र, पाचन तंत्र, यकृत, तिल्ली, एवं आँतें। 7. चपेटदान मुद्रा ___ यह मुद्रा बौद्ध परंपरा में अधिक प्रचलित है तथा हिन्दू परम्परा में कभीकभार देखी जाती है। ___इस मुद्रा चित्र को देखने से स्पष्ट होता है कि यह चेतावनी अथवा धमकी की सूचक है। इसे अभय मुद्रा के समान भी कहा जा सकता है। विधि ___ दायीं हथेली को कंधे या सिर के स्तर पर थोड़ा Side में इस प्रकार रखें कि जैसे थप्पड़ पड़ने वाली हो।
यह अधिक आक्रमणशीलता या उत्साह में की जाती है।
लाभ
चपेटदान मुद्रा चक्र- विशुद्धि, अनाहत एवं मूलाधार चक्र तत्त्व- वायु एवं पृथ्वी तत्त्व प्रन्थि- थायरॉइड, पेराथायरॉइड, थायमस एवं प्रजनन ग्रन्थि केन्द्र- विशुद्धि,