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पूजोपासना आदि में प्रचलित मुद्राओं की प्रयोग विधियाँ ...235 12. समान मुद्रा ___अंगूठों के अग्रभाग को तर्जनी आदि चारों अंगुलियों के अग्रभागों से मिलाना, समान मुद्रा है।
समान मुद्रा
सुपरिणाम
चक्र- मणिपुर, विशुद्धि एवं अनाहत चक्र तत्त्व- अग्नि एवं वायु तत्त्व केन्द्र- तैजस, विशद्धि एवं आनंद केन्द्र ग्रन्थि- एड्रीनल, पैन्क्रियाज, थायरॉइड, पेराथायरॉइड एवं थायमस ग्रन्थि विशेष प्रभावित अंग- यकृत, तिल्ली, आँतें, नाड़ी तंत्र, पाचन संस्थान, स्वर यंत्र, कान, नाक, गला, मुँह, हृदय, फेफड़ें, रक्त संचार प्रणाली एवं भुजाएँ।