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पूजोपासना आदि में प्रचलित मुद्राओं की प्रयोग विधियाँ ...201
पंचम
पैन्क्रियाज एवं थायमस ग्रन्थि विशेष प्रभावित अंग- मल-मूत्र अंग, प्रजनन अंग, गुर्दे, पाचन संस्थान, यकृत, तिल्ली, आँतें, नाड़ी तंत्र, हृदय, फेफड़ें, रक्त संचरण तंत्र आदि।
षष्ठम
दायी हथेली को बायीं हथेली से मिलाना सम्पूर्णत: करन्यास मुद्रा है। सुपरिणाम
चक्र- सहस्रार, आज्ञा एवं अनाहत चक्र तत्त्व- आकाश एवं वायु तत्त्व केन्द्र- ज्ञान, ज्योति एवं आनंद केन्द्र ग्रन्थि- पिनियल, पीयूष एवं थायमस