________________
200... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में
चतुर्थ
पैन्क्रियाज एवं पिनियल ग्रन्थि विशेष प्रभावित अंग- मेरुदण्ड, गुर्दे, पैर, पाचन तंत्र, नाड़ी तंत्र, यकृत, तिल्ली, आँतें, ऊपरी मस्तिष्क एवं आँख।
पंचम
___ दायीं कनिष्ठिका के अग्रभाग को बायीं कनिष्ठिका के अग्रभाग से संयुक्त करना, कनिष्ठिका न्यास मुद्रा है। सुपरिणाम
चक्र- स्वाधिष्ठान, मणिपुर एवं अनाहत चक्र तत्त्व- जल, अग्नि एवं वायु तत्त्व केन्द्र- स्वास्थ्य, तैजस एवं आनंद केन्द्र ग्रन्थि- प्रजनन, एड्रीनल,