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________________ 190... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में विशेषण भी किया गया है। शिव भगवान सर्पधारी देखे जाते हैं। शिव शक्ति को जागृत करने के प्रयोजन से यह मुद्रा की जाती है। mmemomporoman लेलिता मुद्रा विधि ___ आरामदायक स्थिति में बैठ जायें। तत्पश्चात तर्जनी, मध्यमा और अनामिका अंगुलियों को समान रूप से अधोमुखी करें, कनिष्ठिका अंगुली को सीधा रहने दें। फिर अंगूठे के अग्रभाग को अनामिका के अग्रभाग से जोड़ दें, इसे लेलिहा मुद्रा कहते हैं। निर्देश- बीज मुद्रावत समझें। सुपरिणाम- जानकारी के अनुसार इस मुद्रा का प्रयोग जीवन्यास के अतिरिक्त तारा साधना के समय भगवती तारा को प्रसन्न करने हेतु किया जाता है। कहा जाता है कि यह मुद्रा अत्यन्त रहस्यमयी एवं आनन्दमयी प्रभाव को उत्पन्न करती है जिससे देवी तारा प्रसन्न होती है। ___ इस मुद्रा को करते समय अग्नि (अंगूठा) और पृथ्वी तत्त्व (अनामिका) का योग होता है इससे पृथ्वी और सूर्य मुद्रा के सभी लाभ प्राप्त होते हैं। विशेष तौर
SR No.006255
Book TitleHindu Mudrao Ki Upayogita Chikitsa Aur Sadhna Ke Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages394
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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