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हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में
विधि
दोनों हाथों के एड़ी भाग को मिलाकर अंगुलियों को भीतर की ओर इस तरह घुमायें कि अग्रभाग निकट आ सकें, वह पद्म मुद्रा कहलाती है | 29
पद्म मुद्रा
लाभ
चक्र - आज्ञा, सहस्रार एवं अनाहत चक्र तत्त्व- अग्नि, वायु एवं आकाश तत्त्व ग्रन्थि - पीयूष, पिनियल एवं थायमस ग्रन्थि केन्द्र - दर्शन, ज्योति एवं आनंद केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- मस्तिष्क, स्नायु तंत्र, आँख, हृदय, फेफड़ें, भुजाएं एवं रक्त संचरण तंत्र।
25. पताका मुद्रा
पताका मुद्रा का निम्न प्रकार हिन्दू परम्परा में प्रचलित है। यह मुद्रा ध्वजा, शक्ति और सामर्थ्य की सूचक है।