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56... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में
विधि
इस मुद्रा में दायीं हथेली को ऊर्ध्वाभिमुख करते हुए अंगुलियों एवं अंगूठे के अग्रभागों को कलि के समान निकट लाया जाता है इसलिए यह मुकुल मुद्रा कहलाती है।27
मुकुल मुद्रा
लाभ
चक्र- अनाहत एवं आज्ञा चक्र तत्त्व- वायु एवं आकाश तत्त्व अन्थिथायमस एवं पीयूष ग्रन्थि केन्द्र- आनंद एवं दर्शन केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- हृदय, फेफड़ें, भुजाएँ, रक्त संचरण तंत्र, स्नायु तंत्र, निचला मस्तिष्क। 23. निद्रातहस्त मुद्रा
यह मुद्रा शिथिल शरीर के आराम की मुद्रा है। इस मुद्रा में दिखाए गए हाथ को सोया हुआ हाथ कह सकते हैं। यह मुद्रा शरीर को सहायता देती है।