________________
हिन्दू परम्परा सम्बन्धी विविध कार्यों हेतु प्रयुक्त मुद्राओं... ...51 आराम अथवा अनौपचारिकता की सूचक है। इसे कटाव्यलंबिनी मुद्रा के समान कहा जा सकता है। विधि
बायें हाथ को कटि स्थान पर आराम की मुद्रा में रखते हुए अंगुलियों एवं अंगूठे को पीछे की तरफ फैलाना कटि मुद्रा है।22
लाभ
कटि मुद्रा ___ चक्र- स्वाधिष्ठान एवं आज्ञा चक्र तत्त्व- जल एवं आकाश तत्त्व प्रन्थि- प्रजनन एवं पीयूष ग्रन्थि केन्द्र- स्वास्थ्य एवं दर्शन केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- मल-मूत्र अंग, प्रजनन अंग, गुर्दे, स्नायु तंत्र एवं निचला मस्तिष्क। 19. कटिग मुद्रा ___कमर का भाग कटिग कहलाता है। हिन्दू परम्परा में यह मुद्रा आराम या अनौपचारिकता को दर्शाने हेतु प्रयुक्त होती है। यह असंयुक्त मुद्रा बायें हाथ से की जाती है।