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हिन्दू परम्परा सम्बन्धी विविध कार्यों हेतु प्रयुक्त मुद्राओं... ...41
दंड मुद्रा लाभ
चक्र- मूलाधार एवं स्वाधिष्ठान चक्र तत्त्व- पृथ्वी एवं जल तत्त्व प्रन्थि- प्रजनन ग्रन्थि केन्द्र- शक्ति एवं स्वास्थ्य केन्द्र विशेष प्रभावित अंगमल-मूत्र अंग, प्रजनन अंग, गुर्दे, मेरूदण्ड, पाँव। 10 धेनु मुद्रा ___मुद्रा शास्त्र में धेनु (सुरभि) मुद्रा के कई प्रकारान्तर हैं उनमें निम्न मुद्राएँ हिन्दु परम्परा से सम्बन्धित है। यह मद्रा गाय के थन, चार प्रमुख पवित्र नदियाँ एवं पवित्रीकरण के सूचनार्थ की जाती है। प्रथम प्रकार
दायी हथेली को कमर के स्तर पर धारण करते हुए सामने की तरफ करें, अंगुलियों को अलग-अलग फैलाकर नीचे की तरफ करें तथा अंगूठे को हथेली की ओर मोड़ने पर प्रथम प्रकार की धेनु मुद्रा बनती है।13